ज्यादा बिजली के बिल क्यों आ रहे है, जानिए इसका कारण और निवारण
ज्यादा बिजली बिल आना आज के समय में आप आदमी के लिए सबसे बड़ी समस्या बन गई है | ज्यादातर आपने सुना होगा के किसी के घर का बिजली का बिल 20,000, 50,000 या 60,000 का आया है या इससे भी ज्यादा राशी का बिल आने का सुना होगा | विद्युत विभाग के विद्युत उपभोगता में ओसतन 10 मे से 7 उपभोगताओ को ऐसी समस्या आना आम बात है | आप जान कर हैरान हो जायेंगे के इसके पीछे खुद विद्युत विभाग ही जिम्मेदार होता है |
ज्यादा बिजली बिल आने की 3 बड़ी वजह है :-
- मीटर की यूनिट की रीडिंग लेने के लिए आउटसोर्स या प्राइवेट कंपनी को ठेका देना : आज के समय में विद्युत विभाग ज्यादातर अपने काम आउटसोर्स या प्राइवेट कंपनी के जरिये करवाते है और इन आउटसोर्स या प्राइवेट कंपनी द्वारा बोहोत ही कम तनखा पर कर्मचारियों को काम पर रखा जाता है जिस वजह से मीटर रीडिंग और बाकी ऐसे सभी कामो को सही ढंग से नहीं किया जाता | इसी वजह से जब से आउटसोर्स या प्राइवेट कंपनी को ठेका देना शुरू किया तब से मीटर रीडिंग में सबसे ज्यादा लापरवाही बढ़ गई है और हर महीने मीटर रीडर ठीक से रीडिंग नहीं लेता है और उपभोगताओ को ज्यादा राशी के बिल आते है | यह समस्या दिन ब दिन बढती ही जा रही है और विद्युत विभाग इस पर लगाम लगाने में भी असमर्थ है |
आउटसोर्स या प्राइवेट कंपनी द्वारा रीडिंग की गड़बड़ी को केसे पकडे उसकी अधिक जानकारी के लिए ये वीडियो जरुर देखे :
- विद्युत पोल के उपर लगे बॉक्स में 10 से 12 मीटर को लगाना जाना : विद्युत विभाग द्वारा कुछ इलाको में मीटर को पोल के उपर बॉक्स लगा कर एक बॉक्स में 10 से 12 मीटर को लगाया जा रहा है और जिसकी रीडिंग लेने का काम आउटसोर्स या प्राइवेट कंपनी के जरिये करवाते है | इसी वजह से जब से आउटसोर्स या प्राइवेट कंपनी को ठेका देना शुरू किया तब से मीटर रीडिंग सही तरह से नहीं लि जा रही और इसमें सबसे ज्यादा लापरवाही बढ़ गई है और हर महीने मीटर रीडर ठीक से रीडिंग नहीं लेता है और उपभोगताओ को एक दम से कम या ज्यादा राशी के बिल या जाते है |
विद्युत पोल के उपर लगे मीटर की गड़बड़ी की अधिक जानकारी के लिए ये वीडियो देखे :
3.उपभोगता द्वारा हर महीने मीटर रीडिंग पर ध्यान नहीं देना : बिजली के बिल सही न आना या एक दम से ज्यादा या कम आने की जितनी बड़ी वजह विद्युत विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही है उससे कही ज्यादा बड़ी वजह उपभोगता की भी लापरवाही ही होती है | उपभोगता को भी हर महीने अपने मीटर के यूनिट की मीटर रीडर द्वारा ठीक से रीडिंग हो रही है या नहीं इस बात पर ध्यान न देने से ही होती है | उपभोगता को चाहिए की वो हर महीने आने वाले बिजली बिल में दर्शाई गई यूनिट को मीटर में प्रदर्शित यूनिट से मिला कर देख ले क मीटर रीडर हर महीने सही रीडिंग ले केर जा रहा है या नहीं | उपभोगता अगर जागरूक हो तो एसी समस्या आ ही नहीं सकती |
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